मौखिक आदेश पर रोक दिया गया खिलाड़ियों का नगद पुरस्कार

रुद्रपुर: इसे खेल विभाग की नासमझी कहें या लापरवाही। मौखिक आदेश पर ही नगद पुरस्कार रोक दिया गया और जिले के 9458 खिलाड़ियों को अभी तक पुरस्कार नहीं मिला।इसकी वजह ऑनलाइन पुरस्कार धनराशि वितरण की प्रकिया में रुक गई।इससे खिलाड़ियों में नाराजगी हैं।
जब अरविंद पांडेय खेल मंत्री थे तो उन्होंने गांवों के खिलाड़ियों को मंच देने के लिए खेल महाकुंभ शुरू किया था। न्याय पंचायत,ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर प्रतियोगिता होती थी।प्रथम,द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वालों को मेडल के साथ नगद पुरस्कार दिया जाता था।पिछले वर्ष खेल सचिव के मौखिक आदेश पर खेल महाकुंभ में नगद पुरस्कार देने की व्यवस्था समाप्त कर डीबीटी के जरिए भेजने की व्यवस्था की गई।प्रदेश में करीब 65000 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था।इनमें ऊधम सिंह नगर में 8458 खिलाड़ी शामिल हैं।हैरानी है कि डीबीटी के माध्यम से करीब 550 खिलाड़ियों के खाते में पुरस्कार की धनराशि भेजी गई, मगर तकनीकी कारणों से बाद में वापस हो गई। आखिर कब पुरस्कार की धनराशि खाते में पहुंचेंगी, यह विभाग को भी पता नहीं।इसका असर खिलाड़ियों के खेल पर दिख रहा है और उनमें विभाग के प्रति मायूसी हैं।
जिला युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल बीएस रावत ने बताया कि पिछले वर्ष डीबीटी के जरिए पुरस्कार की धनराशि भेजने का आदेश मिला था।खिलाड़ियों का डेटा बैंक भेजा गया है।