ऊधम सिंह नगर

सीएम ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने कहा था कि मैं हिंदुओं का पीर हूं, किसी हिन्दू से पहले मुझे मुस्लिम धर्म कबूल करा कर दिखाए..

काशीपुर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को ननकाना साहिब बड़ा गुरुद्वारा में मत्था टेका व प्रदेश के सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। फिर उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी के चरणों में शत-शत नमन करते हुए गुरु तेग बहादुर जी के 350 वें शहीदी दिवस पर आयोजित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अमृतसर द्वारा आसाम से अमृतसर तक नगर कीर्तन (पदयात्रा) में आए सभी संगत सदस्यों एवं उपस्थित महानुभावों का देवभूमि उत्तराखंड के समस्त नागरिकों की ओर से हार्दिक स्वागत किया।

उन्होंने कहा कि यह मेरा परम सौभाग्य है कि मुझे आज गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के पावन अवसर पर आयोजित शहीदी नगर कीर्तन यात्रा की संगत का हिस्सा बनने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। यह नगर कीर्तन यात्रा असम के श्री धोबड़ी साहिब से प्रारंभ होकर विभिन्न राज्यों से होते हुए श्री आनंदपुर साहिब पहुंचकर पूर्ण होगी, जो लगभग 2500किमी की है। यह केवल एक नगर कीर्तन यात्रा नहीं, बल्कि आस्था, एकता और गुरु साहिब के संदेश जन-जन तक पहुंचाने का पवित्र अभियान है।उन्होंने कहा कि मात्र 14 वर्ष की अल्पायु में ही गुरु तेग बहादुर जी ने अपने पिता के साथ मुगलों के खिलाफ युद्ध में अद्वितीय वीरता का परिचय दिया, उनकी वीरता से प्रभावित होकर उनके पिता ने ही उनका नाम “तेग बहादुर” अर्थात “तलवार का धनी” रखा था। उन्होंने कहा कि तेग बहादुर जी ने कश्मीरी पंडितों पर हो रहे औरंगजेब के अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए कहा था कि “मैं हिंदुओं का पीर हूं, किसी हिन्दू से पहले मुझे मुस्लिम धर्म कबूल करा कर दिखाए..।

औरंगज़ेब ने षड्यंत्रपूर्वक गुरु तेग बहादुर जी को दिल्ली बुलवाया और उन्हें बंदी बना लिया। फिर फरमान सुनाया या तो इस्लाम स्वीकार करो, या मृत्यु का वरण करो। जिस पर गुरु श्री तेग बहादुर जी ने कहा था- तिलक जंजू राखा प्रभ ताका,कीनो बडो कलू महिं साका,धरम हेत साका जिनि कीआ,सीसु दीआ परु सिररु न दीआ ।

उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी और उनके साथियों ने इस्लाम स्वीकार करने से इन्कार कर दिया, तो उन पर घोर अत्याचार किए गए, उनके किसी शिष्य को खौलते हुए तेल में डाला गया, तो किसी को आरी से चीर दिया गया इतने से भी जी नहीं भरा तो किसी को जीवित ही जला डाला गया। अंततः गुरु तेग बहादुर जी जैसे महान संत, धर्मरक्षक और मानवता के प्रहरी का शीश काट दिया गया, परंतु गुरु साहब का साहस, बलिदान और संदेश अमर हो गया। इस मौके पर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, मेयर दीपक बाली, दर्जा राज्यमंत्री अनिल कपूर डब्बू, फरजाना बेगम, पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा,किच्छा के पूर्व विधायक राजेश शुक्ला जिलाध्यक्ष मनोज पाल आदि मौजूद थे।

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