छात्रा निहारिका के न्याय के लिए इंटरनेट मीडिया पर आए छात्र और लोग

पंतनगर: बिहार की रहने वाली निहारिका के एमएससी में हुए प्रवेश को गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रद्यौगिकी विवि ने निरस्त किया तो विवि के छात्रों और अन्य लोगों में आक्रोश फैल गया है।इंटरनेट मीडिया पर निहारिका के न्याय के लिए न केवल छात्र उसके समर्थन में आए,बल्कि अन्य लोग भी उसके पक्ष में कमेंट कर रहे हैं।छात्र को प्रवेश दिलाने के लिए इंटरनेट मीडिया पर निहारिका का वीडियो खूब वायरल हो रहा है और यूजर भी इसके पक्ष में कमेंट कर रहे हैं। छात्रा के प्रवेश निरस्त की खबर सबसे पहले लोक निर्णय ने चलाई थी। वायरल वीडियो को इंस्टाग्राम पर खूब शेयर किया जा रहा है। एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि किसी और का चयन कर दिया गया होगा, शर्मनाक घटना है।दूसरे यूजर ने लिखा है कि अगर पंतनगर जैसे प्रतिष्ठित विवि में बच्चों के प्रति ऐसे कार्य हो रहे हैं तो यह बच्चों के जीवन से खिलवाड़ है।एक यूजर ने लिखा है कि कोर्ट में केस करो, प्रवेश हो जाएगा। एक अन्य यूजर ने कमेंट किया है कि कोर्ट की हेल्प लो, ऐसे तो किसी का भी जीवन बर्बाद हो जायेगा।कुछ यूजर ने मुख्यमंत्री और विवि के कुलपति से मिलने की सलाह दे रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर निहारिका के वीडियो को हजारों लोग टैग कर चुके हैं। जबकि करीब दो हजार लोग उसके वीडियो को शेयरिंग कर चुके हैं।
यह था मामला
बिहार के ग्राम न्यू हर्नी चक अनीशाबाद पटना निवासी छात्रा निहारिका पुत्री पूरन शंकर सिंह ने पंत विवि के कृषि महाविद्यालय में कृषि ऑनर्स में बीएससी की थी। छात्रा को इस वर्ष कृषि एक्टेंशन एजुकेशन प्रोग्राम में एमएससी प्रथम वर्ष में आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी में दाखिला मिला। इसके लिए दो अगस्त को फीस जमा कर दी। इसके बाद वह घर चली गई।आठ अगस्त को विवि के परीक्षा नियंत्रक की ओर उसे मेल भेजकर बताया गया कि सिर्फ उत्तराखंड के अभ्यर्थियों के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी ईडब्ल्यूएस में दाखिला देने का नियम है।।परीक्षा नियंत्रक कार्यालय की गलती से आप को प्रवेश दिया गया है। इसके बाद छात्रा अपने पिता के साथ विवि पहुंची और प्रवेश निरस्त न करने का अनुरोध करती रही। कहा कि जब उत्तराखंड के बाहर के छात्रों को ईडब्ल्यूएस कोटे से प्रवेश नहीं लेने का नियम है तो प्रवेश के लिए जारी विज्ञापन में इसका उल्लेख क्यों नहीं किया गया। उन्होंने विवि की नियमावली की बिंदु संख्या 22 और 26 का हवाला देते हुए बताया कि ईडब्ल्यूएस सब श्रेणी से संबंधित उल्लेख नहीं है।निहारिका ने बताया कि पिछले 10 दिन तक यह कहकर गुमराह करते रहे कि स्पॉट में प्रवेश मिल जाएगा। मगर नहीं मिला।बताया कि यहां प्रवेश मिलने से अन्य दो संस्थानों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग में हिस्सा नहीं लिया।यदि पहले पता होता तो अन्य संस्थान में प्रवेश ले लिया होता। छात्रा प्रवेश के लिए गिड़गिड़ाती रही,मगर किसी का दिल नहीं पसीजा। प्रवेश न मिलने से निहारिका ने खूब रोया।