साहित्य

बाघैंन के नाट्य मंचन ने पहाड़ की मर्म को उकेरा

डीडीहाट : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में भाव राग ताल नाट्य अकादमी, पिथौरागढ़ की ओर से कथाकार नवीन जोशी की चर्चित कहानी पर आधारित नाटक का मंचन हुआ। इस कहानी को प्रीति रावत ने नाट्य रूपांतरित किया है। नाटक का निर्देशन कैलाश कुमार ने किया।नाटक “बाघैंन” पहाड़ के जनजीवन, पलायन के प्रभाव एवं को इस नाटक में बहुत ही मर्मस्पर्शी तरीके से प्रस्तुत करता है। यह एक ऐसे पूर्व सैनिक की कहानी, जिसका पूरा गांव विस्थापित हो गया है और वह गांव में अकेला रह गया। पर्वतीय विकास के तथाकथित मॉडल पर यह नाटक करारी चोट करता है। मंचन के बाद प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य भास्करानंद पांडे ने कहा कि नाटक के माध्यम से समाज में हो रहे सांस्कृतिक और पर्यावरणीय बदलावों को कथानक के माध्यम से प्रभावशाली तरीके से सामने रखा गया है। पूर्व में इस नाटक के मंचन कोलकाता , प्रयागराज, दिल्ली, हल्द्वानी, खटीमा, पिथौरागढ़ आदि जगहों में हो चुके हैं। जिसे दर्शकों द्वारा बेहद सराहना मिली। भाव राग ताल नाट्य अकादेमी विगत 12 वर्षों से लोक कला साहित्य एवं रंगमंच के क्षेत्र मे उत्तराखंड की अग्रणी नाट्य संस्था है अपने कार्य से देश भर में जनपद तथा राज्य का नाम बढ़ाया है। नाट्य प्रस्तुति “बाघैंन” में मंच पर सुनील उप्रेती, दीपक मण्डल, धीरज कुमार, अभिषेक पटेल, राजेश सामंत, शुभम कुमार, दिनेश कुमार, पंकज, सुजल धामी, विशाल, प्रीति रावत, साक्षी तिवारी, सपना आदि के सशक्त अभिनय को भरपूर सराहना मिली। इस मौके पर डॉ. रेनू कार्की, दीपक कन्याल, भावना कन्याल, अजय अवस्थी, जया वर्मा आदि कलाप्रेमी मौजूद थे।

locnirnay@gmail.com

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