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जानें, किस मार्मिक यात्रा से सिंधी समाज की आंखें हुईं नम

गुरुग्राम : दिल्ली के प्रतिष्ठित ‘भारत मंडपम’ में सिंधी समुदाय के संघर्ष और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित नाट्य कार्यक्रम ‘द जरनी ऑफ सिंधी’ का सफल मंचन किया गया
कलाकारों ने 1947 की मार्मिक यात्रा से रूबरू कराया तो हाल में सन्नाटा छा गया और हर किसी की आंखें नम दिखीं।
भोपाल के जाने-माने सिंधी कलाकार मोहित शिवानी के नेतृत्व में कलाकारों ने बेहतर अभिनय, संवाद के जरिए विभाजन विभीषिका के दौरान सिंधी समाज की पीड़ा को दर्शाया तो दर्शकों ने सिंध में समृद्ध जीवन, अचानक हुए विस्थापन और भारत में शरणार्थी शिविरों में बिताए गए मुश्किल दिनों को महसूस किया। कलाकारों ने विभाजन के दौरान अपनों से बिछड़ने और अपनी जन्मभूमि छोड़ने की पीड़ा को मंच पर उतारा।द जर्नी ऑफ सिंधी’ सिर्फ एक कलात्मक प्रदर्शन नहीं था, बल्कि सिंधी समुदाय के धैर्य और अदम्य भावना का प्रमाण था । कैसे सिंध के लोग रातों-रात बेघर हुए। अपनी ज़मीन, व्यापार और घरों को पीछे छोड़कर उन्हें अनिश्चितता के सागर में कूदना पड़ा।कैसे सिंधी समाज ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी भाषा, ‘झूलेलाल’ की भक्ति और उद्यमी भावना को जीवित रखा। दर्शकों ने देखा कि किस तरह उन्होंने शून्य से शुरुआत करके भारत के विभिन्न शहरों में अपने समुदाय को पुनर्जीवित किया और देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।सभी सिंधी पंचायतों के प्रतिनिधियों को पाखर पहना कर सम्मानित किया गया। सांसद शंकर लालवानी ने श्री झूलेलाल सेवा समिति, गुरुग्राम पंचायत के अध्यक्ष विनोद पहिलजानी को पाखर पहना कर सम्मानित किया। अध्यक्ष विनोद पहिलाजानी ने मोहित शिवानी के प्रयासों की सराहना की।साथ ही कहा कि हम वर्ष,1947 की उस पीड़ा को महसूस तो नहीं कर सकते, मगर इस माध्यम से यह संदेश ज़रूर दे सकते हैं कि कितनी तकलीफों के बाद हमारे लोगों ने जीवित रहकर हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखा है।डॉक्टर आशा पहिलाजानी ने कहा कि आज पहली बार उस दर्द को महसूस कर पाई। जिसके बारे में हमारे बड़े बताते थे। यह सिर्फ नाटक नहीं, बल्कि हमारी अदम्य इच्छाशक्ति का प्रमाण है।यह सफलता सिंधी समुदाय की एकता और शक्ति को समर्पित है। सुनील चांदवानी ने कहा के ‘द जर्नी ऑफ सिंधी’ ने दिल्ली के भारत मंडपम में एक ऐसा ऐतिहासिक छाप छोड़ी है, जो आने वाले समय में सिंधी संस्कृति और इतिहास के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगी।हमारी ये कोशिश होगी के ऐसा कार्यक्रम हम गुरुग्राम के सभी सिंधियों के लिए दोबारा करें ।

locnirnay@gmail.com

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