विवि से मिली डिग्री,परीक्षा रद,फिर देंगे परीक्षा
पंतनगर।पंत विवि के बीटेक सेकेंड सेमेस्टर फाइनल की परीक्षा देने के बाद कुछ छात्र प्रोविजनल डिग्री ले गए और कुछ नौकरी करने लगे। इस बीच पेपर लीक होने पर परीक्षा रद कर दी गई। रद परीक्षा अब दोबारा 21 नवम्बर से होगी। ऐसे में भविष्य को लेकर विद्यार्थी असमंजस में हो गए हैं।पंत विवि के प्रद्यौगिकी महाविद्यालय के इंजीनियरिंग की परीक्षाएं 20 मई से तीन जून तक संपन्न कराई गई थीं।कुछ छात्रों ने प्रद्यौगिकी महाविद्यालय के डीन और कुलपति को पत्र देकर पेपर लीक होने की शिकायत की थी। इसे विवि प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए जांच कराई।जांच रिपोर्ट के आधार पर सितंबर में बैकलॉग सेकेंड, थर्ड और फाइनल वर्ष मैकेनिकल इंजीनियरिंग सेकेंड सेमेस्टर फाइनल परीक्षा निरस्त कर दी गई। इस मामले में संविदा में तैनात दो कर्मचारियों को हटा दिया गया था। महाविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को सस्पेंड कर कृषि विज्ञान केंद्र रूद्रप्रयाग से संबद्ध कर दिया गया। परीक्षा रद की पुनः परीक्षा 21 नवम्बर से 10 दिसम्बर तक होगी। इनमें करीब आधा दर्जन विद्यार्थियों को दोबारा परीक्षा देनी है। जिन छात्रों को परीक्षा देनी है।उनमें कुछ छात्रों का कहना है कि परीक्षा के बाद रिजल्ट घोषित हो गया था। इसलिए अपनी प्रोविजनल डिग्री और अन्य कागजात विवि से लेकर चले गए हैं। नौकरी के लिए आवेदन के साथ कागजात संलग्न कर दिए हैं। कुछ छात्र नौकरी भी कर रहे हैं। नौकरी के लिए जमा किए गए आवेदन की शर्तों के अनुसार यदि मार्कशीट या अन्य दस्तावेज में कोई बदलाव पाया गया तो नौकरी चली जाएगी।कार्रवाई भी हो सकती है। छात्रों का कहना है कि पेपर लीक के बाद परीक्षा रद की सूचना उन्हें नहीं दी गई थी। अचानक 13 नवंबर को परीक्षा में शामिल होने के लिए विवि से पत्र प्राप्त हुआ। यदि परीक्षा रद की जानकारी होती तो नौकरी के लिए आवेदन नहीं जमा किया जाता है और परीक्षा की तैयारी कर ली गई होती।यह भी कहना था कि जब सभी कागजात विवि से ले गए तो फिर किस कागजात के आधार पर परीक्षा में शामिल होंगे। यदि मार्कशीट के अंक में बदलाव हुआ तो भविष्य खतरे में पड़ सकता है। इतने कम समय में परीक्षा की तैयारी कैसे हो सकती है। यह समझ में नहीं आ रहा है। इसी मामले को लेकर शुक्रवार को कुलसचिव से कुछ छात्रों ने मुलाकात की और समस्याएं बता,लेकिन कोई संतोषजनक हल नहीं निकल सका। कुछ छात्रों का कहना था कि इस मामले में वह कोर्ट जायेंगे। इस मामले में जब प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के डीन डॉक्टर एसएस गुप्ता से उनका पक्ष लेना चाहा गया तो उन्होंने यह कहते हुए पक्ष देने से मना कर दिया कि वजह इस मामले में बोलने के लिए अधिकृत नहीं है। इस विषय में रजिस्टार ऑफिस बताएगा।




