रेड रोड से बचाएं गन्ने की फसल
बाजपुर:गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केंद्र काशीपुर की बाजपुर परिक्षेत्र के ग्राम सुल्तानपुर में मंगलवार को आयोजित किसान गोष्ठी में खेती करने के टिप्स दिए गए।इस दौरान गन्ना विभाग के प्रचार एवं जनसंपर्क अधिकारी निलेश कुमार ने नई घोषित सट्टा नीति के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि किसान खेत को तैयार कर लें। यदि खेत में पानी भरा है तो जल निकासी का उत्तम प्रबंध कर लें। गन्ने की फसल में जो भी बीमारी के लक्षण दिखे, उसका फोटो लेकर गन्ना शोध केंद्र के वैज्ञानिकों के भेजें। जिससे किसान को फोन कर तत्काल समस्या का समाधान कराया जा सकें। उन्होंने कहा कि किसान नई तकनीक के आधार पर गन्ने की खेती करें।मृदा की गुणवत्ता की जांच कराएं,क्योंकि मृदा में 16 प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं। जांच में जो पोषक तत्व की कमी मिलती है तो उसे दूर किया जा सके। कहा कि गोष्ठी का उद्देश्य गन्ना कृषकों को उन्नत प्रजाति की गन्ना बीज की जानकारी, गन्ने की फसल में लगने वाली तरह-तरह के बीमारियों तथा उसमें प्रयोग की जाने वाली दवाओं तथा उनको गन्ने की वैज्ञानिक विधि से खेती करने का तरीका बताना।जिससे प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ाई जा सके। गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिकों ने गन्ने की खेती करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 15023, 13235, 14201 जैसी उन्नतशील प्रजातियां हैं, जिनको गन्ना कृषकों को प्रोत्साहित करना चाहिए।वर्तमान में 0238 रेड रोड की चपेट में आने की संभावना है। अतः कृषकों को चाहिए कि वह इसका रिप्लेस करें। वैज्ञानिकों ने कीट एवं रोग प्रबंधन के विषय में बताया। बैठक में गन्ना अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक संजय कुमार, प्रमोद कुमार आदि मौजूद थे।





