पंतनगर कृषि मेले में खूब बिकी हींग की गोली और चौका_ बेलन
पंतनगर: पंतनगर कृषि मेले में हींग, गैस की गोली,चौका_बेलन खूब बिकी। यहीं नहीं, बीज स्टाल पीछे लगने से किसानों के साथ ही स्टॉल संचालक भी नाराज दिखे।किसानों ने कहा कि मेला अपने उद्देश्य से भटक गया। वहीं कुछ स्टाल संचालक ने कहा कि यदि फ्रंट पर बीज के स्टाल लगते तो कुछ ग्राहक बीज खरीदने आते, लेकिन पीछे होने से ग्राहक नहीं आ रहे हैं।यहीं हाल रहा तो अगली बार से मेले में स्टाल नहीं लगाएंगे।
गोबिंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के गांधी मैदान में शुक्रवार से चार दिवसीय 118वां अखिल भारतीय किसान मेला एवं उद्योग प्रदर्शनी शुरू हो गई।इसका शुभारंभ रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल राज्यपाल गुरमीत सिंह ने फीता काटकर किया। मेले में शुरू में नर्सरी और कृषि उपकरण के स्टाल लगे हैं।इसके बाद अन्य उत्पादों के स्टाल लगाए गए हैं। विवि प्रशासन का दावा है कि मेले में करीब पांच सौ स्टाल लगाए गए हैं। खास बात है कि मेले में हींग की गोली,गैस की गोली, चौका, बेलन खूब बिकी। सहारनपुर उत्तर प्रदेश के मोइनुद्दीन ने भी स्टाल लगाया है।बताया कि उनके स्टाल पर चौका बेलन आदि उत्पाद की खूब बिक्री हुई।मेले में आए ठाकुरद्वारा मुरादाबाद उत्तर प्रदेश के किसान हरीश सिंह का कहना था कि पर्याप्त बीज नहीं मिलता है। बीज के स्टाल गांधी हाल के आसपास लगने चाहिए।जिससे अधिक से अधिक किस बीज खरीद सके। ज्यादातर किसानों को पता बीज स्टालों का पता नहीं चल पाता है।बदायूं उतर प्रदेश से आए किसान चरनजीत का कहना था कि मेला अपने उद्देश्य से भटक गया है। मेले की अव्यवस्था से किसान काफी नाखुश दिखे।पहले किसानों को केंद्रित करके मेला लगता था।अब तो इसका उद्देश्य ही बदल गया है। किसानों का कहना कि पहले किसान मेला का नाम प्रसिद्ध था।यहां पर पंत विवि के उन्नतशील बीज और विवि की विकसित कृषि तकनीक देखने को मिलती थी। अब तो पुराने उपकरण दिखते हैं। अब तो कृषि अन्य उत्पाद के ज्यादा स्टाल दिखते हैं।मेले में जहां पर नर्सरी के स्टाल लगे हैं,उसी के आसपास बीजों के स्टाल लगने चाहिए थे।हैरानी है कि जिस किसानों को केंद्रित कर मेला लगता है।उनके किए बीजों के स्टाल मेले में सबसे पीछे लगे हैं। किसानों की सुविधा किए कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है।




