जानें, चंपावत के किन दो आरोग्य मंदिरों को मिला एनक्यूएएस का प्रमाण पत्र
चंपावत:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व एवं जिलाधिकारी मनीष कुमार के मार्गदर्शन में चंपावत गुणवत्तापूर्ण, सुलभ एवं सशक्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में बड़ी उपलब्धि हासिल की है।जिले के दो आयुष्मान आरोग्य मंदिर मटियाल और मौनपोखरी को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक ( एनक्यूएएस) प्रमाणन प्राप्त हुआ है। यह प्रमाणन नेशनल हेल्थ सिस्टम्स रिसोर्स सेंटर (एनएचएसआरसी ), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किया गया है।बाह्य मूल्यांकन के दौरान दोनों केंद्रों ने सभी निर्धारित गुणवत्ता मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार आयुष्मान आरोग्य मंदिर मटियाल ने 84.68 प्रतिशत अंक प्राप्त किए, जबकि आयुष्मान आरोग्य मंदिर मौनपोखरी ने 82.44 प्रतिशत अंक अर्जित कर गुणवत्ता प्रमाण पत्र का दर्जा हासिल किया।मुख्य चिकित्साधिकारी डा. देवेश चौहान ने इस उपलब्धि पर जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग तथा दोनों केंद्रों की टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि “बाराकोट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बाद यह जनपद के लिए एक और राष्ट्रीय सम्मान है। यह प्रमाणन जिले में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के निरंतर प्रयासों, टीमवर्क और सेवा भावना का परिणाम है। हमारा लक्ष्य है कि जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्र भी इसी स्तर तक पहुंचे। बताया कि एनक्यूएएस प्रमाणन यह सुनिश्चित करता है कि स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों को सुरक्षित, पारदर्शी और मानक आधारित सेवाएं प्राप्त हों। इस उपलब्धि के साथ चम्पावत जनपद का नाम राज्य के अग्रणी जिलों में शामिल हो गया है।प्रमाणित स्वास्थ्य संस्थानों को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे मूल्यांकन रिपोर्ट में उल्लिखित सुधार के बिंदुओं पर कार्य करते हुए अपनी कार्ययोजना राज्य गुणवत्ता आश्वासन इकाई को प्रस्तुत करें। यह इकाई निगरानी ऑडिट के दौरान सुधार की पुष्टि कर एनएचएसआरसी को रिपोर्ट प्रेषित करेगी।जिलाधिकारी मनीष कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि जिला स्वास्थ्य तंत्र की निष्ठा, सतत प्रयासों और बेहतर सेवा भावना का प्रमाण है।गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में ‘सर्वजन स्वास्थ्य, सर्वजन कल्याण’ की भावना को और सशक्त बनाती है।





