जानिए, किस अधिकारी के खिलाफ महिला उत्पीड़न के आरोप में ज्ञापन दिया
रुद्रपुर:महिला अधिकार मंच की हीरा जंगपांगी के नेतृत्व में जिला कोर्ट के अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट में जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में कार्यालय में ज्ञापन दिया।उन्होंने कहा कि देश में महिलाओं पर बढ़ती हिंसात्मक घटनाएं बेहद गंभीर विषय है।जिससे उत्तराखंड भी अछूता नहीं रहा है। उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों से भी महिला उत्पीड़न की घटनाएं सामने आ रही हैं। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (केंद्रीय) के पत्रकारिता एवं जनसंचार केंद्र की एक एसोसिएट प्रोफेसर ने इसी केंद्र के निदेशक पर लम्बे समय से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। महिला ने 24 दिसंबर, 2024 को अपनी लिखित आपत्ति दर्ज की, परन्तु निदेशक के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। कुलपति से अवकाश स्वीकृत होने के बावजूद महिला का वेतन तक काटा गया। साथ ही पीछा करना, अभद्रता की पहली शिकायत सात अप्रैल को प्रभारी कुलपति से की गई।जब कारवाई नहीं हुई तब पुनः 25 अप्रैल को स्मरण पत्र भेजा। फिर भी उस पर कोई कारवाई नहीं होने की स्थिति में 30 अप्रैल को आइसीसी (इंटरनल कंप्लेंट कमेटी ) को ईमेल के माध्यम से स्थिति से अवगत कराया गया। इसके बाद 26 अप्रैल को एसोसिएट प्रोफेसर महिला को को समिति ने बुलाई। दुर्भाग्य की बात रही कि विवि प्रशासन ने शिकायत अग्रेषित की। राष्ट्रीय महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग ने भी तत्काल कारवाई करने का आदेश दिया, मगर कोई करवाई नहीं की गई। विभाग की कुछ और महिलाओं के साथ अभद्रता की गई।13 अक्टूबर को उत्तराखंड के सभी 13 जिलों के जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेज दोषियों को सजा दिलाने की मांग की जाएगी।साथ ही राज्यपाल, शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य महिला आयोग, कुलपति, हेमवती नंदन बहुगुणा को भी प्रतिलिपि भेजी जाएगी।ज्ञापन देने वालों में सरिता सक्सेना,दीप्ति गर्ग,अनीता पंत, निशा,प्रिया,मनीषा,राहुल, धर्म सिंह,मीना,रंजना,कोमल,शिवानी,दिवंशी आदि शामिल थे।




