चंपावत में एससी/एसटी अत्याचार निवारण एक्ट में कितने दर्ज हुए मामले
चंपावत। जिलाधिकारी मनीष कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की जिला कार्यालय सभागार में।हुई बैठक में पीड़ितों को त्वरित राहत सुनिश्चित करने पर बल दिया गया।डीएम मनीष कुमार ने कहा कि अधिनियम का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के विरुद्ध होने वाले अत्याचारों को रोकना, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना, कानूनी उपाय और न्याय प्रदान करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस अधिनियम के माध्यम से न केवल अपराधों की रोकथाम होती है, बल्कि पीड़ितों को राहत और पुनर्वास प्रदान कर समानता और सामाजिक न्याय को भी बढ़ावा मिलता है।उन्होंने सभी संबंधित विभागों को सख्त निर्देश दिए कि वे सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर लागू करें। यह सुनिश्चित करें कि किसी भी एससी/एसटी समुदायों के नागरिक को अनावश्यक रूप से सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। उन्होंने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के क्षेत्रों में विशेष शिविरों का आयोजन कर उनकी मूलभूत समस्याओं का त्वरित समाधान करने को कहा। इसके अतिरिक्त यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव न हो और उनके अधिकारों का हनन न हो पाए।बैठक में जिला समाज कल्याण अधिकारी, आरएस सामंत ने अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की अद्यतन स्थिति प्रस्तुत की। जनपद में इस अधिनियम के तहत वर्ष 2021 से 2023 तक प्रतिवर्ष तीन तीन मामले दर्ज किए गए।वर्ष 2024-25 में दो तथा वर्ष 2025-26 में अब तक एक मामला दर्ज हुआ है।सामंत ने बताया कि इन सभी दर्ज मामलों में पीड़ितों को नियमानुसार आर्थिक सहायता स्वीकृत राशि का भुगतान कर दिया गया है।बैठक में पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी तनुजा वर्मा आदि मौजूद थे।




