आरएसएस शुरु से संविधान विरोधी रहा, आज भी हमले कर रहा है: जयराम रमेश
नई दिल्ली 25 नवंबर। कांग्रेस ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शुरु से ही संविधान विरोधी रहा है और इसीलिए इसे अपनाये जाने के तत्काल बाद से ही उसने संविधान पर हमला शुरु कर दिया था। कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने मंगलवार को सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 76 साल पहले आज ही के दिन जब संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर ने सभा के समक्ष भारतीय संविधान का मसौदा पेश किया था और इस मौके पर अत्यधिक ओजस्वी भाषण दिया था जिसे आज भी याद किया जाता है। लेकिन इसके अगले ही दिन आरएसएस ने संविधान पर तीखा हमला शुरु कर दिया था और उसका यह हमला आज भी जारी है।
मालूम हो कि 25 नवंबर 1949 को संवैधानिक समिति के अध्यक्ष ने संविधान पर हस्ताक्षर किए थे और डॉ.अंबेडकर ने समापन भाषण दिया था। 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है।
रमेश ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने संविधान सभा में संविधान के मसौदे को औपचारिक रूप से अपनाने का प्रस्ताव रखा था। इस भाषण में उन्होंने कांग्रेस के अनुशासन की तारीफ की और कहा कि उसके कारण ही यह व्यवस्थित संविधान तैयार हो सका है। इस मौके पर दिया गया उनका समापन भाषण निस्संदेह 20वीं सदी में दुनिया के किसी भी व्यक्ति द्वारा दिए गए सबसे महान भाषणों में से एक है। कांग्रेस नेता ने डॉ अम्बेडकर के भाषण के शुरुआती अंश को उद्धृत करते हुए कहा कि अपने भाषण के शुरुआती हिस्से में डॉ.अंबेडकर ने कहा था- ड्राफ्टिंग कमेटी का काम अत्यंत कठिन हो सकता था, यदि यह संविधान सभा केवल एक बेतरतीब भीड़ होती -जैसे बिना सीमेंट का टुकड़ों वाला फर्श, जहाँ कहीं काली पत्थर और कहीं सफेद पत्थर रखा हो और हर सदस्य या समूह अपने आप में एक कानून हो जाता। तब यहाँ केवल अराजकता होती। लेकिन यह संभावित अराजकता कांग्रेस पार्टी की मौजूदगी के कारण समाप्त हो गई, जो संविधान सभा की कार्यवाही में व्यवस्था एवं अनुशासन की भावना लाई। कांग्रेस पार्टी के अनुशासन के कारण ही मसौदा समिति संविधान सभा में मसौदे को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ा सकी – यह जानते हुए कि प्रत्येक अनुच्छेद और प्रत्येक संशोधन का परिणाम क्या होगा। इसलिए, संविधान के सुचारु रूप से पारित होने का पूरा श्रेय कांग्रेस पार्टी को जाता है।
कांग्रेस नेता ने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि वह शुरु से ही संविधान विरोधी रहा है। उन्होंने कहा डॉ. अंबेडकर और उस संविधान पर, जिसे अगले दिन औपचारिक रूप से अपनाया जाना था, आरएसएस ने जबरदस्त हमला किया और उसका यह हमला तब से लगातार जारी है।



