फिर छोड़ा गया कल्याणी नदी में दूषित पानी
रुद्रपुर।कल्याणी नदी उत्तराखंड के रुद्रपुर से होकर बहती है।इसका ऐतिहासिक महत्व इसलिए है कि प्राचीन काल में यह नदी स्वच्छ और पवित्र मानी जाती थी, जिसका उपयोग लोग घरेलू और खेती के लिए करते थे। जिसे जीवनदायनी मानी जाती थी। आबादी बढ़ने के साथ ही औद्योगिक इकाइयों से दूषित पानी नदी में छोड़े जाने से नदी का जल प्रदूषित हो गया है। मंगलवार देर रात सिडकुल पंतनगर की किसी औद्योगिक इकाई ने दूषित पानी नदी में छोड़ दिया। जिससे नदी झाग से भर गया।हालांकि बुधवार सुबह झाग काफी मात्रा में खत्म हो गया था।हैरानी है कि नदी से कुछ ही दूर जिले के आला अफसर बैठते हैं,मगर दूषित पानी छोड़ने वाले उद्यमी को कार्रवाई का जरा भी भय नहीं है।इसे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की शह कहें या दूषित पानी छोड़ने वाले उद्यमी की मनमानी। जब मन किया,तब नदी में दूषित पानी को छोड़ दिया जाता है।इसका दुष्प्रभाव जीव जंतुओं या पर्यावरण पर पड़े।इसका फर्क उद्यमी की सेहत पर नहीं पड़ रहा है।कुछ दिन पहले छठ पूजा के एक दिन पहले नदी दूषित पानी छोड़ दिया गया था,झाग से नदी भर गया था।नदी के जल संरक्षण के लिए अधिकारी तमाम दावे करते हैं,मगर हकीकत क्या है,यह जनता को पता है।नदी में दूषित पानी छोड़े जाने से लोगों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्थानीय अधिकारियों के प्रति इसलिए गुस्सा है कि अधिकारी दूषित पानी छोड़ने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।




