जानें, बीकेटीसी में क्यों बढ़ा विवाद
गोपेश्वर। नए बोर्ड के गठन के बाद से बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) में विवाद बढ़ता जा रहा है बदरीनाथ के रावल अमरनाथ नंबूदरी ने महाभिषेक व अन्य पूजाओं में अव्यवस्था पर जताई। इसके बाद बीकेटीसी में खलबली है। मंदिर समिति के अध्यक्ष समेत किसी भी माध्यम से आने वाले अतिथियों को सीईओ के संज्ञान में लाने के बाद ही पूजाओं में बिठाया जाएगा।बदरीनाथ धाम में महाभिषेक व अभिषेक पूजाओं के लिए 4700 व 4500 रुपये का शुल्क लिया जाता है। आरतियों के लिए भी अलग शुल्क लिया जाता है। यह पूजाएं ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह से बुक होती हैं। सूत्रों के अनुसार वीआईपी के नाम पर काफी लोग बिना शुल्क दिए महाभिषेक व अभिषेक पूजाओं में बैठा दिए जाते हैं।इस पर रावल अमरनाथ नंबूदरी ने आपत्ति जताई है और सीईओ विजय थपलियाल से इस संबंध में वार्ता की। उन्होंने मंदिर अधिकारी समेत अन्य कार्मिकों को लिखित में एक आदेश जारी किया है। मंदिर समिति के अध्यक्ष समेत किसी भी माध्यम से आने वाले अतिथियों को सीईओ के संज्ञान में लाने के बाद ही पूजाओं में बिठाया जाए।
रावल की नाराजगी के बाद धाम में दर्शनों व पूजा के नाम पर हो रहे खेल और अव्यवस्था को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। हाल ही में बीकेटीसी के उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें सती ने कहा कि बीकेटीसी कार्मिक बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के अपने कार्यस्थल/ मुख्यालय से अनुपस्थित रहते हैं और सचिवालय, अन्य शासकीय कार्यालयों अथवा कैंप कार्यालय में बिना आदेश के आवागमन करते रहते हैं।
सुत्रों के अनुसार हाल में ही बीकेटीसी के एक अधिकारी को एक कर्मचारी द्वारा जान से मारने की धमकी प्रकरण भी विभाग में चर्चाओं का विषय बना हुआ है।




