अल्ट्रासाउंड मशीनों पर क्या बोले चंपावत के डीएम
चंपावत।जिलाधिकारी मनीष कुमार ने शनिवार को जिला सभागार में प्री-कंसेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक (PCPNDT) के अंतर्गत जिला सलाहकार समिति की बैठक ली।इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेश चौहान ने बताया कि जनपद में कुल 10 अल्ट्रासाउंड मशीनें स्थापित हैं, जिनमें पांच सरकारी संस्थानों तथा पांच निजी संस्थानों में संचालित हैं।जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अल्ट्रासाउंड मशीनों की रजिस्ट्रेशन डिटेल्स पूर्ण रूप से अद्यतन रखी जाएं। बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण निर्धारित मानकों के अनुरूप किया जाए।मशीनों तक पहुंच केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही बायोमेट्रिक अथवा अन्य तकनीकी माध्यम से सुनिश्चित की जाए, सभी संस्थानों में स्थापित अल्ट्रासाउंड मशीनों का नवीनीकरण समय से किया जाए तथा सभी केंद्रों की नियमित जांच कर किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।उन्होंने भ्रूण लिंग जांच पर पूर्ण प्रतिबंध के प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिले में कार्यरत सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों की निरीक्षण रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत की जाए।उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि गर्भनिरोध, परिवार नियोजन और भ्रूण लिंग जांच निषेध से संबंधित जनजागरूकता कार्यक्रमों को ग्राम स्तर तक प्रभावी रूप से संचालित किया जाए।उन्होंने कहा कि लिंग अनुपात में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग, महिला सशक्तिकरण विभाग और शिक्षा विभाग के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर सामूहिक प्रयास किए जाएं।बैठक में अपर जिलाधिकारी कृष्णा नाथ गोस्वामी सहित आदि मौजूद थे।




