जानें, अल्ट्रापुअर योजना ने कैसे बदल दी सुनीता की जिंदगी
चंपावत: कहते हैं कि कोई काम छोटा_ बड़ा नहीं होता है,बस जज्बे,ईमानदारी और भरोसे के साथ काम करना पड़ता है।तभी मंजिलें मिलती हैं। इसी तरह पशु पालन कर सुनीता आर्थिक रूप से मजबूत हो रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार की ओर से आइएफएडी (आइफैड) वित्त पोषित ग्रामोत्थान परियोजना ग्रामीण परिवारों की आय को दोगुना करने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के अपने उद्देश्य में सफल हो रही है।विकासखंड लोहाघाट के किमतोली गांव की निवासी सुनीता देवी ने परियोजना की अल्ट्रापुअर योजना का लाभ उठाकर अपनी आजीविका को नई दिशा दी है।सुनीता देवी, ग्राम पंचायत किमतोली में गठित गोलू देवता स्वयं सहायता समूह की सक्रिय सदस्य हैं। पति के निधन के बाद परिवार कापालन-पोषण उनके लिए बड़ी चुनौती बन गया था। समूह की बैठकों में उन्हें अल्ट्रापुअर योजना की जानकारी मिली। जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है।समूह के सदस्यों ने सुनीता की स्थिति को देखते हुए सर्वसम्मति से उनका नाम योजना के लिए सुझाया। आवश्यक दस्तावेज़ीकरण और सत्यापन के बाद उनके खाते में 35,000 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए। इस राशि से उन्होंने एक उच्च नस्ल की दुधारू गाय खरीदी। परियोजना के सहयोग से अब उनके पास दो गायें हैं, जिनका दूध वह डेयरी में बेच रही हैं।इस स्वरोजगार के माध्यम से सुनीता देवी की आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार आया है। वह अब प्रति माह लगभग छह से सात हज रुपये कमा रही है। उनका विश्वास है कि वह इस व्यवसाय को और बढ़ाकर अपने परिवार को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाएंगी। सुनीता देवी ने ग्रामोत्थान परियोजना को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि वह इस सहयोग से अपनी आजीविका में वृद्धि कर आत्मनिर्भर बनने का प्रयास जारी रखेंगी। उन्होंने परियोजना से अपील की कि भविष्य में ऐसी उपयोगी योजनाएं निरंतर चलती रहें।जिससे अधिक से अधिक ग्रामीण परिवार लाभान्वित हों और ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका संवर्धन और आय के साधनों में वृद्धि हो।





