लापरवाही:अधूरी सूचना, इसमें भी सादे पेज
रुद्रपुर: यदि खानापूर्ति के कारनामे सीखने हो तो पूर्ति विभाग से सीखें। पूर्ति निरीक्षक बाजपुर से 10 बिंदुओं पर सूचना मांगी गई तो न केवल अधूरी सूचना दी, बल्कि उसमें कई ब्लैंक पेज भेज दिए थे।यहीं नहीं, 3121पेज के 6242 रुपये भी जमा करा गए, लेकिन सिर्फ 1500 ही पेज भेजे।इससे विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
रविन्द्र नगर रुद्रपुर निवासी लाखन सिंह ने कहा कि बाजपुर क्षेत्र के ग्राम फरीदपुर के सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता अकरम है। लाखन ने सूचना का अधिकार में 10 दिसंबर, 2024 को जिला पूर्ति अधिकारी से फरीदपुर की सरकारी गल्ला दुकान की अप्रैल 2020 से2024 तक सभी योजनाओं के बिक्री रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर, सेल कम चेक रजिस्टर सहित 10 बिंदुओं पर सूचना मांगी।इस पर डीएसओ ने पूर्ति निरीक्षक बाजपुर को पत्र भेजकर सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।पूर्ति निरीक्षक विपिन चंद्र पाठक ने 3121पेज की सूचना देने के लिए 6242 रुपये जमा कराने को कहा। इस पर आरटीआई कार्यकर्ता ने रुपये जमा कर दिए। इसके बावजूद सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई।इस पर लाखन सिंह ने नौ जनवरी को लोक सूचना अधिकारी से सूचना मांगी तो भी सूचना नहीं दी गई।इस पर लाखन सिंह ने 30 अप्रैल को सूचना आयोग में अपील की। आयोग ने आठ अक्टूबर को गूगल मीट पर सुनवाई की।आयोग ने आरटीआई कार्यकर्ता को सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। लाखन सिंह ने बताया कि 500 सीट का एक बंडल कागज का वजन दो किलो 340 ग्राम होता है।इस हिसाब से 3121पेज का करीब 14 किलोग्राम वजन होना चाहिए।जबकि विभाग से जो सूचना डाक के जरिए उपलब्ध कराया गया है,उस पर सिर्फ आठ किलो 290 ग्राम वजन मय पैकिंग का ही जिक्र है। बताया कि आयोग के कहने पर पूर्ति निरीक्षक ने जब कागजों का वजन किया तो 3121कागजों के सापेक्ष वजन कम पाया गया। लाखन का कहना था कि सुनवाई के दौरान आयोग के समक्ष बताया था कि किसी अज्ञात मोबाइल नंबर से उनके मोबाइल पर फोन आया था और मुझसे मिलने की जिद करता रहा। लेकिन मैं नहीं मिला। आयोग से अपनी हत्या होने की आशंका जताई।





