भारतीय संस्कृति ही बनेगी विश्व संस्कृति
रुद्रपुर।अखिल विश्व गायत्री परिवार एवं युग निर्माण योजना के संस्थापक वेद मूर्ति तपोनषठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने मनुष्य में देवत्व का उदय एवं धरती पर स्वर्ग के अवतरण का वीणा उठाया। नारा दिया हम बदलेंगे योग बदलेगा। इसी उद्देश्य को लेकर अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार कार्य कर रहा है।जहां नारी जागरण पर्यावरण संवर्धन व्यसन मुक्ति उन्मूलन शिक्षा स्वाध्याय साधना स्वावलंबन एवं स्वास्थ्य संवर्धन विषयों पर कार्य कर रहा है। भारतीय संस्कृति को ही विश्व संस्कृत का पर्याय माना गया है ।सभ्यता का विकास भी इसी के गर्भ में से हुआ है।जिसने ज्ञान की अनेकों विधाओं को जन्म देकर समस्त विश्व को अपने अनुदानों से परिपूर्ण किया है ।भारतीय संस्कृति किसी देश जाति धर्म संप्रदाय अथवा समाज विशेष तक सीमित न रहकर यह संपूर्ण मानव जाति के विकास एवं कल्याण के लिए पथ प्रदर्शन का काम कर रही है। आज समूचे विश्व को यदि एक सूत्र में बांधने की बात की जाए तो एक ही संस्कृत विश्व संस्कृत की बात आती है।ऐसा स्वरूप देव संस्कृति का ही बनता है। भारतीय संस्कृति की महानता को देखते हुए बिग्य समुदाय की यह मान्यता दिनों दिन सुदृढ़ होती जा रही है कि अगले दिनों समस्त विश्व की एक संस्कृति होगी और इसका निर्धारण भारतीय संस्कृति के सिद्धांतों एवं प्रचलनों के आधार पर होगा। ऐसी स्थिति में इस महान परंपरा के अनुयायियों का धर्म कर्तव्य हो जाता है कि उसके दर्शन स्वरूप व्यवहार आदि से सर्वसाधारण को परिचित ही ना कराए, बल्कि स्वयं इस प्रकार की जीवनचर्या भी अपनाए। इसी उद्देश्य को चरितार्थ कर रही है। गायत्री परिवार की भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा जो न केवल भारत बल्कि पड़ोसी देश नेपाल भूटान में भी आयोजित हो रही है। जिसमें हर वर्ष लगभग 40 लाख से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। इस वर्ष के 25 -26 के सत्र में जिला ऊधम सिंह नगर में 160 सरकारी एवं निजी विद्यालयों से लगभग 15000 से अधिक बच्चे परीक्षा में सम्मिलित हुए हैं। जिनमें तहसील एवं जिला स्टेट लेबल पर योगदान करते हैं। इस परीक्षा में विद्यार्थियों को जहां भारतीय संस्कृति का संपूर्ण भान होता होता है।वहीं विद्यार्थी अन्य किसी भी प्रतियोगिता हेतु संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर पता है।इस परीक्षा के आयोजन में जिले के सभी तहसील जसपुर काशीपुर गदरपुर रुद्रपुर किच्छा सितारगंज एवं खटीमा के स्थानीय संयोजक गायत्री परिजन सामाजिक कार्यकर्ता प्रदेश संयोजक गंभीर सिंह पुष्प झा, योगेंद्र सिंह, सर्वेश रस्तोगी, दिग्विजय सिंह, राजेश शैली, अनुज अग्रवाल, अशोक छाबड़ा, यशपाल सिंह, नमो नारायण शर्मा, ओमवीर सिंह, सर्वेंद्र शर्मा, महिपाल सिंह सहित समस्त गायत्री परिजनों के प्रयासों से परीक्षा संपन्न हुई। जिला शिक्षा विभाग एवं मुख्यालय शांतिकुंज का भारतीय संस्कृति प्रकोष्ठ के साथ हमारे सभी विद्यालयों के विद्यालय के प्राचार्य व प्रधानाचार्य का विशेष योगदान रहा है ।




