उत्तराखंड ऊधम सिंह नगर नेशनल न्यूज़

पतंजलि को दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार, दूसरों को नीचा मत दिखाओ, विज्ञापन हटाओ


नई दिल्ली, 11 नवंबर। दिल्ली हाईकोर्ट से पतंजलि आयुर्वेद को फिर से फटकार पड़ी है। पतंजलि आयुर्वेद रामदेव और बालकृष्ण कई बार कोर्ट में खरी-खोटी सुनने बाद भी गड़बड़ करने से बाज नहीं आते। पतंजलि आयुर्वेद के स्पेशल च्यवनप्राश के विज्ञापन को 72 घंटे के भीतर बंद करने का आदेश दिया है। इस विज्ञापन में पतंजलि ने दूसरे ब्रांड्स को धोखा कहा था। डाबर इंडिया की शिकायत पर जस्टिस तेजस करिया की बेंच ने 6 नवंबर को ये अंतरिम आदेश पास किया था जिसे 11 नवंबर को पढ़ा गया।कोर्ट ने कहा कि आप तुलना करने वाला विज्ञापन चला सकते हैं, लेकिन दूसरों को नीचा दिखाने वाला या गलत और भ्रामक स्टेटमेंट्स नहीं चलेंगे। ये रोक फरवरी 2026 तक लागू रहेगी। अब पतंजलि अपने स्पेशल च्यवनप्राश संबंधी विज्ञापन को टीवी, सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया कहीं भी नहीं दिखा सकता। यह विज्ञापन इम्प्रेशन क्रिएट करता है कि दूसरे प्रोडक्ट्स धोखा हैं।
पतंजलि को अब कोर्ट के आदेश के बाद नेशनल टीवी चैनल्स, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स, डिजिटल, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया अकाउंट्स जैसे यूट्यूब, इंस्टाग्राम से अपने विज्ञापन हटाने होंगे और पतंजलि कोई नया ऐसा विज्ञापन नहीं चला सकता जो च्यवनप्राश को धोखा कहे या उसके मेडिकल वैल्यू पर सवाल उठाए।मालूम हो कि डाबर और पतंजलि के बीच च्यवनप्राश मार्केट में काफी समय से तनातनी चल रही है। डाबर करीब 60 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ मार्केट लीडर है, जबकि पतंजलि ने हाल ही में अपना स्पेशल च्यवनप्राश लॉन्च किया। डाबर का कहना है कि पतंजलि का विज्ञापन न सिर्फ उनके प्रोडक्ट को बुरा दिखाता है, बल्कि पूरे च्यवनप्राश कैटेगरी को धोखा कहकर उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है। ये केस कॉमर्शियल डिस्पैरेजमेंट का है, जहां एक कंपनी दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करती है।
पतंजलि के स्पेशल च्यवनप्राश के एड में चलो, धोखा खाओ! जैसे कैची फ्रेज इस्तेमाल किए गए थे। इस विज्ञापन में बाबा रामदेव ये कहते दिख रहे हैं कि अधिकांश लोग च्यवनप्राश के नाम पर धोखा खा रहे हैं। कोर्ट ने इसे देखा और कहा कि ये दूसरे प्रोडक्ट्स को फेक या कमतर दिखाने की कोशिश है। डाबर का च्यवनप्राश भी इसमें आ जाता है, जो अनफेयर है। हालांकि धोखाधड़ी के मामले में पतंजलि पहले से बहुत बदनाम है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 फरवरी 2026 को होगी। जानकारों का कहना है कि तब मेरिट्स पर आर्ग्यूमेंट्स होंगे और परमानेंट रिलीफ मिल सकता है। ये केस इंडस्ट्री के लिए बेंचमार्क सेट कर सकता है, जहां ब्रांड्स एक-दूसरे को टारगेट करते हैं। डाबर को राहत मिली है, लेकिन पतंजलि अपील कर सकता है। मार्केट में च्यवनप्राश सेल्स पर असर पड़ेगा, क्योंकि कंज्यूमर्स अब एड्स पर ज्यादा सतर्क होंगे।

locnirnay@gmail.com

locnirnay@gmail.com

About Author

You may also like

ऊधम सिंह नगर

यूएस नगर में शपथ नहीं ले पाए 99 ग्राम प्रधान, मायूस

लोक निर्णय,रुद्रपुर: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कड़े मुकाबले में प्रधान तो चुने गए, मगर कोरम पूरा न होने पर 99
ऊधम सिंह नगर

जिला जल एवं स्वच्छता मिशन बैठक – पेयजल के लिए 636.14 करोड़ स्वीकृत

लोक निर्णय,रुद्रपुर: पूर्व केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री व सांसद अजय भट्ट ने चार सितंबर को कलक्ट्रेट के सभागार