जानें, औषधीय खीर का सेवन क्यों किया
काशीपुर। मुख्य बाजार स्थित श्रीराधेहरि सत्संग आयुर्वेदिक धर्मार्थ औषधालय में मां लक्ष्मी की कृपा से तैयार शरद पूर्णिमा की रात की सोलह कलाओं से परिपूर्ण अमृतमयी औषधीय खीर का सैकड़ों की संख्या में लोगों ने सेवन किया। औषधालय मंत्री संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि सोमवार को देर शाम से ही उत्तर प्रदेश के शाहजहांपूर , बरेली, पीलीभीत, बदायूं, रामपुर , मुरादाबाद, बिजनौर तथा उत्तराखंड के नैनीताल,ऊधम सिंह नगर जनपदों के विभिन्न क्षेत्रों से श्वांस रोगियों समेत अन्य लोग एकत्र होने लगे थे।मंगलवार सुबह करीब चार बजे से आरती और खीर का मां लक्ष्मी को भोग लगाने के बाद औषधालय में सैकड़ों की संख्या में पहुंचे श्वांस रोगियों समेत अन्य महिला तथा पुरुषों ने चंद्र कलाओं से परिपूर्ण अमृतमय औषधीय खीर का सेवन कर स्वास्थ्य लाभ उठाया। औषधालय वैद्य राकेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि शरद पूर्णिमा की रात में तैयार औषधीय खीर एलर्जी अस्थमा,गला,श्वांस रोगियों के साथ साथ आंखों व शारीरिक और मानसिक विकारों के उपचार में बेहद फायदेमंद है।वहीं उपमंत्री कौशलेश गुप्ता ने बताया कि वर्ष में सिर्फ एक बार ही शरद पूर्णिमा को खीर का वितरण किया जाता है ।उन्होंने कहा कि पिछले दशकों से आयुर्वेद के प्रति लोगों का काफी झुकाव बढ़ा है।विगत 30 वर्षों से औषधालय में कार्यरत वैद्य श्री उपाध्याय से प्रतिदिन परामर्श और उपचार कराने लोग पहुंच रहे हैं। औषधालय कार्यकारिणी अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने पदाधिकारियों समेत अतिथियों का आभार प्रेषित करते हुए सभी के स्वास्थ्य की कामना की।इस दौरान उपाध्यक्ष एस. पी.गुप्ता जे .पी .अग्रवाल बीके गुप्ता मनोहर लोहिया, सुरेश गोयल, अनिल कुमार सिंह, चक्रेश जैन, राकेश गुप्ता, डा. सतीश गुलाटी, विपिन सक्सेना, सीमा सक्सेना, चंचल शर्मा आदि मौजूद थे।




