जानें,श्रीराम लीला मंचन से क्या दिया संदेश
पंतनगर। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के रामलीला ग्राउंड में उत्तरायणी कौतिक मेला कमेटी की ओर से आयोजित रामलीला का गुरुवार को समापन हो गया। पुतले दहन से पहले मेघनाथ वध, कुंभकर्ण वध, अहिरावण वध और रावण वध का कलाकारों ने बेहतर संवाद और अभिनय के तालमेल से मंचन किया गया। अंतिम दृश्य में राम दरबार सजाया गया।जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। अतिथियों को सम्मानित किया गया। रामलीला के मुख्य निर्देशक उमेश तिवारी एवं निर्देशक संजय बोरा, धीरज बिष्ट, कमल कर्नाटक और नवीन रोवाली को विशेष रूप से सराहा गया। दर्शकों और समिति पदाधिकारियों ने कहा कि दोनों निर्देशकों ने कलाकारों को न केवल मंचन की बारीकियां सिखाईं, बल्कि उन्हें अपने दायित्व का बोध भी कराया गया। वक्ताओं ने कहा कि उत्तरायणी कौतिक मेला की रामलीला केवल धार्मिक आयोजन भर नहीं है, बल्कि यह समाज को सत्य, धर्म और त्याग की शिक्षा देती है। यह आयोजन क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूती देता है।आने वाली पीढ़ियों को अपनी परंपरा से जोड़े रखने का महत्वपूर्ण कार्य करता है। सभी ने रामलीला के मंचन को सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का माध्यम बताते हुए इसे नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी बताया। इस मौके पर किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़, राजेश प्रताप सिंह, विवेक सक्सेना, हरीश भट्ट, डीएस कार्की, मदन मेहरा, पीयूष जोशी सहित समिति के पदाधिकारी आदि मौजूद थे।





