लोक निर्णय न्यूज की एक्सक्लूसिव खबर,जानें,पंत विवि की क्यों धूमिल हो रही छवि
पंतनगर:गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के गांधी हाल में अखिल भारतीय कृषि एवं उद्योग प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में 10 करोड़ रुपये विवि को अनुदान देने के नाम पर एक युवक को सम्मानित किया गया।जबकि युवक ने सिर्फ आठ लाख रुपये का ही सर्वर दिया है। यह भी चर्चा है कि युवक ने पंत विवि के साथ जिस पत्र पर निदेशक के तौर पर हस्ताक्षर किए हैं, वह निदेशक नहीं हैं।हालांकि यह जांच का विषय है।अनुदान को लेकर विवि और विवि के बाहर तरह तरह के सवाल तो उठाए ही जा रहे हैं।साथ ही विवि की छवि धूमिल हो रही है।मोबाइल,लैपटॉप के मदरबोर्ड बोर्ड में चिप होता है यह चिप ताइवान, चीन, जापान से यहां आता है।चिप को भारत में ही तैयार किया जाए, इसके लिए वर्ष,2023 में नेशनल सेमी कंडक्टर पॉलिसी शुरू हुई।इस पॉलिसी के तहत 345 संस्थानों को अलग अलग काम दिया गया। इसमें 273 एकेडमिक संस्थान और 72 स्टार्टअप संस्थान हैं।पंत विवि को प्रशिक्षण देने का जिम्मा सौंपा गया है। इसके लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना मंत्रालय भारत सरकार ने सी 2एस: चिप टू स्टार्टअप योजना के तहत पंत विवि के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी विभाग को सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया गया है।हालांकि सॉफ्टवेयर बंगलुरू में रखा गया है। विभाग में लैब स्थापित की गई है। बीटेक के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा,जो इंडस्ट्री रेडी मैनपावर के रूप में तैयार होंगे।जिन्हें कंपनियों में नौकरी मिल सकें।
सॉफ्टवेयर संचालन के लिए सर्वर की जरूरत होती है।
पंत विवि और नेक्स्टक्रोन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड बंगलुरू के बीच एमओयू हुआ है।विवेक नौटियाल ने नेक्स्टक्रोन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक के रूप में विवि में इनक्यूबेशन सेंटर खोलने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।जबकि mca.gov.in वेबसाइट पर इस कंपनी के निदेशक कोई और है और इस कंपनी के पास मात्र 10 लाख रुपये की ही परिसंपत्ति दिखाई जा रही है। जो भी हो यह विवि की जांच का मामला है। विवि ही इसके बारे में बता सकता है।हालांकि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर आरपीएस गंगवार का कहना है कि विवेक नौटियाल को कंपनी के निदेशक का पावर रंजना ध्यानी ने दिया है।विवेक कंपनी के निदेशक और फाउंडर भी हैं। जब डॉक्टर गंगवार से लोक निर्णय ने विवेक नौटियाल को निदेशक का पावर देने का पत्र उपलब्ध कराने को कहा गया तो उन्होंने पत्र गोपनीय होने की बात कहते हुए पत्र देने से मना कर दिया। डॉक्टर गंगवार ने यह भी बताया कि विवेक नौटियाल ने आठ लाख रुपये का सर्वर विभाग को दिया है। विवेक अपने कुछ साथियों के साथ लैब ने ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण भी देंगे। बताया कि वह सेल्फ फाइनेंस कमेटी के निदेशक भी हैं। अब विवि और विवि के बाहर यह जोरों पर चर्चा है कि जब विवेक ने आठ लाख रुपये का सर्वर अनुदान के रूप में दिया है तो फिर 10 अक्टूबर को मेले के उद्घाटन समारोह में मंच पर विवेक द्वारा 10 करोड़ अनुदान देने की बात क्यों की जा रही थी। यह बात मंच पर एक दो गेस्ट ने भी कही थी।हालांकि जब उन्हें बताया गया, तब भाषण में जिक्र किया था। हैरानी है कि जिम्मेदार अधिकारी अनुदान की सच्चाई नहीं बताई।यदि उसी समय सच्चाई बता दी गई होती तो आज इसे लेकर तरह तरह के सवाल नहीं उठ रहे होते। लोगों का कहना है कि शिक्षकों के सामने गांधी हाल में 10 करोड़ रुपये अनुदान देने की बात तो किसानों और अन्य लोगों ने भी सुनी है।इसका मजाक उड़ाया जिस रहा है।




