जानिए, भेदभाव पूर्ण व्यवहार भी मानवाधिकार हनन
काशीपुर। केवल हिंसा, बंदी, उत्पीड़न ही मानवाधिकार हनन नहीं हैं, बल्कि अधिकारियों का भेदभाव पूर्ण व्यवहार भी मानवाधिकार हनन हैं। अपराध नियंत्रण, कानूनों में विश्वास तथा स्थायी शांति व्यवस्था के लिये मानवाधिकार संरक्षण आवश्यक है। यह बात शुक्रवार को मानवाधिकार संरक्षण, भ्रष्टाचार नियंत्रण, अधिकार, बीएनएस का परिचय संहिता 45 कानूनी जागरूकता पुस्तकों के लेखक व सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने मानवाधिकार संरक्षण पुस्तक, नए अपराधिक कानून अपडेट सहित आम जनता के लिए जारी करते हुए कहीं।उन्होंने कहा कि हमारे देश ने बदले वाले अपराधिक व सजा के सिद्धांत का नहीं अपनाया है, मुख्य रूप से सुधार वादी सिद्धांत के अपनाया हैं नदीम ने बताया कि भारत में लागू कानून के अन्तर्गत मानवाधिकार हनन करने वालों को न केवल जेल की सजा हो सकती हैं,बल्कि उसकी नौकरी भी जा सकती है। यदि उसने भ्रष्टाचार के कारण मानवाधिकार हनन किया हैं तो उसकी अवैध कमाई तथा उससे कमाई गई सारी सम्पत्ति भी जब्त हो सकती है। आयकर व पेनाल्टी के रूप में भी उसे जितनी उसने सम्पत्ति कमाई है उससे भी अधिक चुकानी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के अनुसार मानवाधिकारों में सम्मान के साथ जीने, स्वतंत्रता एवं सुरक्षा का अधिकार, विचार व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विधि के समक्ष समानता, दासता तथा बलात श्रम का निषेध, यातना व उत्पीड़न से सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा शिक्षा का अधिकार शामिल है।नदीम द्वारा लिखित मानवाधिकार संरक्षण पुस्तक का प्रथम संस्करण 2004 में प्रकाशित हुआ है। इसमें भारतीय दण्ड संहिता की 70 तथा दण्ड प्रक्रिया संहिता की 26 धाराओं का उल्लेख हैं।नदीम की एल-एलबी. की काॅलेज टापर रही पुत्री नीलिमा नदीम एडवोकेट ने इसके नए अपराधिक कानून अपडेट को लिखा हैं। जिसमें पुस्तक में उल्लेखित धाराओं से सम्बन्धित नए अपराधिक कानूनों बीएनएस तथा बीएनएसएस की धाराओं का तुलनात्मक विवरण है।
मानवाधिकार संरक्षण पुस्तक के अध्यायों में मानवाधिकार, पुलिस और मानवाधिकार हनन, राजस्व वसूली में मानवाधिकार हनन, टैक्स वसूली में मानवाधिकार हनन, मानवाधिकार हनन पर क्या क्या कर सकते है, पुलिस द्वारा किए जाने वाले अपराध, पुलिस का अवैध उत्पीड़न व बचाव, मानवाधिकार हनन की हानिया, मानवाधिकार हनन के कारण व रोकने के उपाय, प्रथम अपराध पर सजा से छूट, किशोरों के लिये विशेष प्रावधान, बिना मानवाधिकार हनन अपराध नियंत्रण, सूचना अधिकार से मानवाधिकार संरक्षण शामिल है।





