ऊधम सिंह नगर

जन्मदर घटी,1.8 अरब पर ठहर जाएगी जनसंख्या, बढ़ेंगी मुश्किलें,बंगाल में सर्वाधिक गिरावट

जन्म दर घटी, 1.8 अरब पर ठहर जाएगी जनसंख्या, बढ़ेंगी मुश्किलें, बंगाल में सर्वाधिक गिरावटनई दिल्ली, कोलकाता। अधिक जनसंख्या के बारे में भांति-भांति की भ्रांतियां फैलाई जाती रही हैं। हकीकत यह है कि 1975 के मुकाबले जन्म दर में करीब 2 तिहाई की गिरावट आ गई है और जन्म दर लगातार गिर रही है। मुख्य रूप से आर्थिक असुरक्षा के शिकार लोग बच्चे कम पैदा कर रहे हैं, कुछ तो बच्चे पैदा ही नहीं कर रहे है और कुछ एक या दो, बस। बच्चों का पालन-पोषण और शिक्षा इत्यादि खर्च उठाना अधिकतर लोगों को बहुत भारी पड़ रहा है। भारतीय जनसंख्या अध्ययन संघ आइएएसपी के अनुसार भारत की कुल प्रजनन दर टीएफआर तेजी से गिरकर 1.9 पर आ गई है, जो प्रतिस्थापन स्तर 2.1 से नीचे है। आइएएसपी के महासचिव अनिल चंद्रन ने बताया कि जन्म दर में लगातार गिरावट के चलते भारत की जनसंख्या 2080 तक 1.8-1.9 अरब पर स्थिर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बढ़ती शिक्षा, महिलाओं में साक्षरता, देर से विवाह, गर्भनिरोधकों की उपलब्धता और आर्थिक अवसरों ने परिवार छोटे किए हैं। पश्चिम बंगाल की टीएफआर 1.3 तक गिर चुकी है। जन्म दर कम होने के बावजूद जीवन प्रत्याशा बढ़ने से वृद्ध देखभाल की नई चुनौतियाँ सामने आ रही हैं।
भारत में कुल प्रजनन दर टीएफआर में गिरावट के कारण वर्ष 2080 तक देश की आबादी 1.8 या 1.9 अरब पर स्थिर होने की उम्मीद है। वर्तमान में टीएफआर 1.9 है, जो प्रतिस्थापन स्तर से कम है। भारत तेजी से जनसांख्यिकीय परिवर्तन से गुजर रहा है, जहां पिछले दो दशकों में जन्म दर में तीव्र गिरावट आई है। भारतीय जनसंख्या अध्ययन संघ आइएएसपी के महासचिव अनिल चंद्रन ने मीडिया को बताया कि वर्ष 2000 में हमारी कुल प्रजनन दर 3.5 थी और आज यह 1.9 है। यह एक बड़ी गिरावट है। जन्म दर में गिरावट के भविष्य में गंभीर परिणाम होंगे। बूढ़ों की संख्या बढ़ जाएगी, युवा और काम-काजी लोगों की कमी हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या 2080 तक 1.8 या 1.9 अरब के स्तर पर चरम पर पहुंचने की उम्मीद है, जब वृद्धि स्थिर हो जाएगी। चंद्रन ने कहा, सभी अनुमान बताते हैं कि भारत की अधिकतम जनसंख्या दो अरब से नीचे ही रहेगी। उन्होंने प्रजनन दर में गिरावट का मुख्य कारण बढ़ते विकास और शिक्षा स्तर को बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं में साक्षरता बढ़ने ने सीधे तौर पर विवाह और मातृत्व से जुड़े निर्णयों पर असर डाला है, जिससे परिवार छोटे होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गर्भनिरोधकों के बढ़ते इस्तेमाल और जन्म नियंत्रण उपायों के व्यापक तौर पर उपलब्ध होने से भी प्रजनन दर में तेजी से गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि देर से विवाह होने और बढ़ते आर्थिक अवसरों का भी असर पड़ा है। उन्होंने कहा, विकास और जन्म दर का विपरीत समानुपाती संबंध होता है। अशिक्षित समूहों में प्रजनन दर अब भी तीन से ऊपर है, जबकि शिक्षित वर्ग में यह 1.5 से 1.8 के बीच है।
पश्चिम बंगाल की प्रजनन दर में भी तीव्र गिरावट देखी गई है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) 2023 की सांख्यिकी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य का कुल प्रजनन दर 1.3 पर आ गया है जो 2013 में 1.7 था। उन्होंने कहा कि यह लगभग 18 प्रतिशत की गिरावट है और प्रतिस्थापन स्तर 2.1 से काफी नीचे है। अनिल चंद्रन ने कहा कि पश्चिम बंगाल अब देश में सबसे कम प्रजनन दर वाले राज्यों में शामिल हो गया है। जनसांख्यिकी विशेषज्ञ ने बताया कि जन्म दर में गिरावट के बावजूद, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के कारण जीवन प्रत्याशा बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अधिक लोग 60 वर्ष की आयु से ज्यादा जी रहे हैं और इससे वृद्ध देखभाल की दिशा में नई चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं, खासकर तब जब युवा लोग काम के लिए पलायन करते हैं। चंद्रन ने कहा कि इसी कारण से डे केयर केन्द्र अब अस्तित्व में आ रहे हैं।

locnirnay@gmail.com

locnirnay@gmail.com

About Author

You may also like

ऊधम सिंह नगर

यूएस नगर में शपथ नहीं ले पाए 99 ग्राम प्रधान, मायूस

लोक निर्णय,रुद्रपुर: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कड़े मुकाबले में प्रधान तो चुने गए, मगर कोरम पूरा न होने पर 99
ऊधम सिंह नगर

जिला जल एवं स्वच्छता मिशन बैठक – पेयजल के लिए 636.14 करोड़ स्वीकृत

लोक निर्णय,रुद्रपुर: पूर्व केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री व सांसद अजय भट्ट ने चार सितंबर को कलक्ट्रेट के सभागार