छात्राओं को बताए गए जल संरक्षण के गुर
पंतनगर।उत्तराखण्ड जैवप्रौद्योगिकी परिषद पंतनगर के वैज्ञानिक डाॅ. मणिन्द्र मोहन ने शुक्रवार को राजकीय कन्या इंटर कालेज दरऊ ऊधम सिंह नगर में छात्राओं को जल संरक्षण और गुणवत्ता की जानकारी दी। उन्होंने पेयजल एवं भूमिगत जल परीक्षण की विधि व गुणवत्ता की जानकारी के साथ प्रदेश के जल स्त्रोतों जैसे नदियों, झीलों, हैंडपंप एवं आर्टीजन वेल के पानी की गुणवत्ता की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। दूषित जल के उपयोग से होने वाली घातक बीमारियों के प्रति विद्यार्थियों को सचेत किया। मानव को जल प्रकृति से वरदान के रूप मिली है। जिसका संरक्षण, संवर्धन और प्रबंधन सबकी जिम्मेदारी है। शुद्ध जल में बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी और अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीव नहीं होते। जिससे हैजा, टाइफाइड, पीलिया, हेपेटाइटिस और डायरिया जैसी जलजनित बीमारियों के होने का खतरा कम होता है। उन्होंने बताया कि पानी को शुद्ध करने का सबसे सस्ता और सुरक्षित तरीका उबाल कर उपयोग में लाना है। उन्होंने मानव जनित गतिविधियों को जल स्रोतों के प्रदूषण का मुख्य कारण बताया। इस मौके पर प्रधानाचार्य सत्यपाल सिंह सहित शिक्षक प्रेमचंद, नरेश पाल, कमल चंद्र शाह, कमला भट्ट, जाफर हुसैन, महेश कुमार एवं रेनू दीक्षित मौजूद थे।।




