कुमाऊंनी भाषा के प्रति दीपक का जुनून
मनोज पांडे की कलम से
अल्मोड़ा: व्यवसायिक शिक्षा के दौर में रोजगार की खातिर लोग पलायन तो कर रहे हैं, मगर अपनी माटी व भाषा से दूर होते जा रहे हैं। जिससे स्थानीय भाषाओं की धरोहर को बचाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। कुमाऊंनी भाषा के प्रति नई पीढ़ी को जागरूक करने के लिए दीपक ने ठान ली है।उत्तराखंड में कुमाऊंनी भाषा वर्ष,2023 में पहली बार नजरों में आया।एक ऐसा संगठन जिसका नाम उज्याव यानी ‘उजाला’ है। जिसका ध्येय वाक्य ही है कुमाऊंनी भाषा लिजी युवा तराण’ मतलब कुमाऊंनी भाषा के लिए युवा ताकत।उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर घाटी के दीपक भाकुनी और उनके कुछ साथियों ने इस संगठन का नेतृत्व किया। जिसके जरिए स्कूलों में बच्चों को
कुमाऊंनी भाषा के प्रति लगाव पैदा कर रहे हैं। कुमाऊंनी कविता पाठ,कहानी लेखन अन्य विधाओं पर प्रतियोगिता कराई जा रही हैं। उज्याव कुमाऊंनी
भाषा लिजी युवा संगठन पिछले चार साल से कुमाऊंनी भाषा में लोग न सिर्फ बोलने,बल्कि लिखने और पढ़ने में भी दिलचस्पी लें। इसके लिए काम कर रहे हैं।उज्याव संगठन दो वर्ष में एक बार कुमाऊंनी भाषा युवा सम्मेलन व युवा सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजित करता है। जिसमें कुमाऊंनी भाषा और संस्कृति पर लंबे समय से कम कर रहे ऐसे युवाओं को जो वाकई में सम्मान की हकदार हैं। उनको सम्मानित किया जाता है। उज्याव संगठन के पहले कुमाऊंनी भाषा युवा सम्मेलन व युवा सम्मान समारोह वर्ष, 2023 कार्यक्रम में 10 युवाओं को सम्मानित किया गया। जिनमें से कुछ युवा ऐसे थे, जिन्हें पहली बार किसी मंच से सम्मान मिला। उसमें एक बाल लोक गायक शिवांशु मेहता को भी सम्मानित किया गया। इस बार उज्यावकुमाऊंनी भाषा युवा सम्मेलन कार्यक्रम में स्कूल के विद्यार्थियों के बीच अनेक प्रतियोगिताएं कराई जा रही हैं। जैसे कुमाऊंनी
कविता पाठ, कुमाऊनी निबंध प्रतियोगिता आदि। दो नवंबर 2025 को अल्मोड़ा के सोमेश्वर में उज्याव कुमाऊंनी भाषा युवा सम्मेलन कार्यक्रम का भव्य आयोजन कर रहा है ।जिसमें युवा पीढ़ी में कुमाऊंनी
भाषा पर काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाएगा.





