काशीपुर बाईपास मार्ग पर क्या बोल गए मेयर और विधायक
रुद्रपुर:काशीपुर बाईपास मार्ग के चौड़ीकरण एवं ध्वस्तीकरण पर मेयर और विधायक की बयानबाजी पर भूपेंद्र मैदान में आ गए। प्रज्ञा द ओथ फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं याचिकर्ता भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि सत्ताधारी नेता महज दुकानदारों को झूठा दिलासा देकर भ्रमित कर रहे हैं।यह ठीक नहीं है। मेयर विकास शर्मा ने बाईपास मार्ग पर 10 से 12 अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई की बात रहे हैं तो मंगलवार को विधायक शिव अरोरा का इंटरनेट मीडिया पर एक बयान प्रसारित हुआ कि शासन-प्रशासन के साथ बैठक के बाद अब काशीपुर बाईपास मार्ग का ध्वस्तीकरण एवं चौड़ीकरण 60 फीट के दायरे में होगा। इससे नाराज फाउंडेशन के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बुधवार को सिटी क्लब में पत्रकार वार्ता बुलाई।उन्होंने पत्रकारों को बताया कि काशीपुर बाईपास मार्ग के चौड़ीकरण विधायक और मेयर बयानबाजी कर रहे हैं,इससे लगता है कि वे अवैध कब्जेदारों की हितैषी बनने का नाटक कर रहे हैं। इस तरह की बयानबाजी हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना कर कब्जा धारक दुकानदारों को भ्रमित करने किया जा रहा है।जबकि हाईकोर्ट में दायर याचिका में काशीपुर बाईपास मार्ग के दोनों ओर 75-75 फीट के दायरे में अतिक्रमण को हटाया जाएगा। ध्वस्त किया जाएंगा। यदि हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया तो शासन प्रशासन की मनमानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का सहारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन ने शहर के उन आठ स्थानों को चिन्हित किया किया है। जिससे लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।नेता भ्रामक बयानबाजी कर अवैध कब्जेदारों को भ्रमित कर रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएंगा।प्रेसवार्ता के बाद मेयर विकास शर्मा ने बताया कि वर्तमान में रिंग रोड का निर्माण हो रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सीएम धामी को भी ज्ञापन देकर यह निवेदन किया गया था कि 75 फीट के स्थान पर 60 फीट ही चौड़ीकरण की कार्रवाई हो। चूंकि कार्रवाई न्यायालय के आदेशानुसार हो रही है। ऐसे में निगम का यह प्रयास रहेगा कि कम से कम नुकसान के साथ चौड़ीकरण का कार्य हो। इसके लिए प्रशासन के माध्यम से न्यायालय से आग्रह किया जाएगा । विधायक शिव अरोरा का कहना है कि दायर याचिका के बाद काशीपुर बाईपास चौड़ीकरण को लेकर जिला प्रशासन के साथ मेयर व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में बैठक हुई थी। जिसमें आपसी सहमति में 60 फीट तक चौडीकरण की कार्रवाई हो । इसके लिए न्यायालय में आवेदन करना और दुकानदारों का कम नुकसान हो। इसकी योजना बनाई गई थी और बैठक के बाद ही 60 फिट वाला बयान दिया था। बयान में कही भी न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की बात नहीं कही।




