आत्मविश्वास से भरा हुआ नया भारत:जितिन
देहरादून : उत्तराखंड सरकार के आईटी विभाग ने इंडिया एआई मिशन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), भारत सरकार के सहयोग से शुक्रवार को देहरादून के एक होटल में उत्तराखंड एआई इम्पैक्ट समिट हुई। यह समिट 2026 क एक आधिकारिक प्री-समिट कार्यक्रम है, जो अगले वर्ष 19-20 फरवरी को भारत मंडपम, नई दिल्ली में होगा। एमईआईटीवाई के राज्य मंत्री (एमओएस) जितिन प्रसाद ने कहा कि पिछली सदी में परमाणु तकनीक जो मायने रखती थी, वह इस सदी के लिए एआई है, लेकिन इस बार, भारत यह सुनिश्चित कर रहा है कि यह अवसर सभी को समान रूप से मिले। हम एक डॉलर प्रति घंटे से भी कम की लागत में विश्वस्तरीय कंप्यूटिंग शक्ति उपलब्ध करा रहे हैं, जिससे अनुसंधान, इनोवेशन और सकारात्मक परिवर्तन संभव हो सकेंगे। एआई द्वारा कुंभ के प्रबंधन से लेकर शासन और शिक्षा में बदलाव तक, भारत यह दिखा रहा है कि जो कभी अकल्पनीय था, वह अब संभव है। यह नया भारत है, जो आत्मविश्वास से भरा हुआ है, सक्षम है और प्रभावशाली तकनीक के उपयोग में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है।उत्तराखंड सरकार के आईटी सचिव नितेश कुमार झा ने कहा, “हम नियमित रूप से एआई का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन भारत सरकार और हमारे राज्य का व्यापक उद्देश्य केवल एआई का उपयोग करना नहीं, बल्कि एआई का निर्माण करना है। आइए, हम एआई के निर्माता बनें। हमने एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया है और पहला ड्रोन अनुप्रयोग केंद्र भी स्थापित किया है, जहां हम ड्रोन तकनीक में एआई को एकीकृत कर रहे हैं। इसके लिए, हमें इस वर्ष माननीय प्रधानमंत्री जी से राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। कार्यक्रम में आईआईटी रुड़की, आईआईएम काशीपुर, टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज, यूपीईएस और एसटीपीआई देहरादून जैसे प्रमुख संस्थानों ने हिस्सा लिया। इसमें आईआईएम काशीपुर और एसटीपीआई देहरादून के सहयोग से एआई-आधारित स्टार्टअप्स द्वारा प्रस्तुतियां दी गईं।जिनमें शासन, उद्यमिता और सामाजिक प्रभाव में एआई के व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज के कंट्री डायरेक्टर विवेक अग्रवाल द्वारा संचालित एक पैनल चर्चा में शर्मिष्ठा दास, डीडीजी और एचओजी, एआई डिवीजन, एनआईसी मुख्यालय; डॉ. सफल बत्रा, सीईओ, एफआईईडी, आईआईएम काशीपुर; डॉ. दुर्गेश पंत, महानिदेशक, यूसीओएसटी, जीओयूयूके, प्रो. राम शर्मा, कुलपति, यूपीईएस, देहरादून और डॉ. आजम अली, सीईओ, टीआईडीईएस, आइआइटी रुड़की ने हिस्सा लिया।





