अभिनेत्री कामिनी के निधन से सिनेमा जगत के एक युग का अंत
मुंबई, 14 नवंबर। 98 वर्ष की आयु में हिंदी फिल्म जगत की दिग्गज और प्रतिष्ठित अभिनेत्री कामिनी कौशल का 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। कामिनी के निधन के साथ भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय समाप्त हो गया है। कामिनी कौशल का जन्म 16 जनवरी, 1927 को लाहौर में हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता से पहले ही अभिनय की दुनिया में कदम रखते हुए 1946 में फिल्म नीचा नगर से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की।
यह फिल्म न केवल उनके लिए मील का पत्थर साबित हुई बल्कि भारतीय सिनेमा के इतिहास में भी अमर हो गई। नीचा नगर ने पहले कान फिल्म समारोह का पुरस्कार जीता पाल्मे डी’ओर। नीचा नगर अब तक पाल्मे डी’ओर जीतने वाली पहली और एकमात्र भारतीय फिल्म बनी हुई है। इस तरह कामिनी कौशल का नाम भी इतिहास में दर्ज हो गया, क्योंकि वह ऐसी पहली भारतीय अभिनेत्री बनीं जिनका काम कान में सम्मानित फिल्म से जुड़ा।कामिनी कौशल 1940 और 1950 के दशक की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में शुमार थीं जिन्होंने अपने करियर में कई प्रतिष्ठित फिल्मों में अदाकारियां निभाईं। उनकी प्रमुख फिल्में शामिल हैंरू दो भाई (1947) नदिया के पार (1948), जिद्दी (1948), शबनम (1949), पारस (1949), आदर्श (1949), आरजू (1950), झांझर (1953), आबरू (1956), बड़ी सरकार (1957), जेलर (1958), नाइट क्लब (1958), गोदान (1963)।उनकी सहज अभिनय शैली, मासूमियत से भरी स्क्रीन प्रेजेंस और मजबूत चरित्र भूमिकाओं ने उन्हें भारतीय दर्शकों का प्रिय बना दिया।
कामिनी कौशल ने शुरुआती दौर में महिला पात्रों को नई पहचान दी और उन्हें गहराई व संवेदनशीलता के साथ परदे पर उतारा। कामिनी कौशल उन अभिनेत्रियों में थीं जिन्होंने रूढ़िवादी सामाजिक ढांचे के बीच अपने दम पर अभिनय की दुनिया में जगह बनाई। उनका लंबा और उल्लेखनीय करियर नए कलाकारों के लिए प्रेरणा और भारतीय सिनेमा के लिए एक विरासत के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।
कामिनी कौशल को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार, फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए स्क्रीन पुरस्कार सहित अनेक सम्मान और पुरस्कार मिले। कामिनी कौशल का जन्म लाहौर में उमा कश्यप के रूप में हुआ था। दो भाइयों और तीन बहनों में वह सबसे छोटी थी। वह केवल सात वर्ष की थी जब उनके पिता की मृत्यु 26 नवंबर 1934 को हुई थी। कामिनी के विवाह के बाद 3 बेटे हुए, राहुल, विदुर और श्रवण।




