नेपाल की जेलों से फरार कैदियों पर उत्तराखंड पुलिस की नजर,बॉर्डर पर बढ़ी चौकसी
रुद्रपुर:नेपाल में भले ही जेन जी आंदोलन फिलहाल शांत हो गया हो, मगर आंदोलन के दौरान करीब 16 जेलों से काफी संख्या में फरार कैदी सुरक्षा के लिहाज से मुसीबत बन सकते हैं। फरार कैदियों में सौ से अधिक जाली नोटों से जुड़े तस्कर हैं।जिनके तार पाकिस्तान से जुड़े हैं।इनका नेटवर्क उत्तराखंड से भी जुड़ा है। जो उत्तराखंड की सीमा में दाखिल हो सकते हैं।ऐसे में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ उत्तराखंड की खुफिया एजेंसी और पुलिस पूरी तरह सतर्क है।साथ में उत्तराखंड की सीमा पर सुरक्षा चौकसी बढ़ा दी गई है।उत्तराखंड की सीमाओं में घुसपैठ की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को ऊधम सिंह नगर के पंतनगर में हुई उच्च स्तरीय बोर्डर सुरक्षा गोष्ठी में गहन मंथन किया गया। अतिरिक्त निदेशक अभिसूचना ब्यूरो एवं अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना/सुरक्षा एपी अंशुमान ने आइजी कुमाऊ परिक्षेत्र रिद्धिम अग्रवाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधम सिंह नगर मणिकांत मिश्रा, पुलिस अधीक्षक चंपावत अजय गणपति, पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ रेखा यादव आदि अफसरों के साथ नेपाल की घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में सीमा सुरक्षा को कैसे और अधिक सुदृढ़ किया जाए, इस पर विस्तार से चर्चा की गई और साथ में इसकी रणनीति भी बनाई गई।नेपाल से ऊधम सिंह नगर की भी सीमा भी जुड़ी है।सूत्रों के अनुसार नेपाल_उत्तराखंड की सीमा पर सुरक्षा की ऐसी चौकसी बढ़ा दी गई है कि परिंदा भी सुरक्षा को भेद नहीं सकता है।।ऊधम सिंह नगर पुलिस की बोर्डर पर हर किसी पर नजर है।




