जानें,मेले में कांग्रेस पर क्या बोल गए सीएम
पंतनगर।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर विश्वविद्यालय में आयोजित 118 वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के तीसरे दिन रविवार को पंत विवि की उत्पादित नवीन दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण व पंतनगर प्रवाह नामक पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने रजत जयंती राज्य स्थापना गोष्ठी एवं संवाद कार्यक्रम में कहा कि इस प्रकार के कृषि मेलों के माध्यम से जहां एक ओर हमारे किसान भाई एक ही स्थान पर नवीनतम कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों, आधुनिक यंत्रों और नई शोधों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, वहीं उन्हें विशेषज्ञों के अनुभवों से सीखने और अपने अनुभव साझा करने का अवसर भी मिलता है।सीएम ने केंद्र और राज्य की योजनाओं को गिनाते हुए कहा कि इस वर्ष के बजट में “कृषि को विकास का प्रमुख इंजन” मानते हुए जहां एक ओर किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है, वहीं प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ सिंचाई और कृषि तकनीकों के विकास पर भी विशेष फोकस किया गया है। अब तक राज्य में लगभग 115 करोड़ रुपए की सहायता से करीब 350 पॉलीहाउस स्थापित किए जा चुके हैं। धामी ने कहा कि आज के इस अवसर पर हम किसानों की प्रगति पर चर्चा करने के साथ-साथ प्रदेश में नकल विरोधी कानून और समान नागरिक संहिता पर संवाद करने के लिए भी एकत्रित हुए हैं। उक्त दोनों विषयों पर पंत विवि की छात्रा पूजा जोशी ने समान नागरिक संहिता, नीति शर्मा ने किसान मेले की प्रगति एवं छात्र निधि अवस्थी ने नकल विरोध कानून पर अपने विचार साझा किए।जबकि “स्मृद्धि किसान उत्पादक संगठन” की सीमा रानी ने अपने सफल खेती के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि स्नातक स्तरीय परीक्षा के कुछ प्रश्न पत्र की फोटो इंटरनेट मिडिया में प्रसारित हुई तो हमारी सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपितों को गिरफ्तार किया। पूरी परीक्षा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। परंतु कांग्रेस इस मामले की आड़ में हमारे युवाओं को ढाल बनाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश करने लगी ।प्रदेश में अराजकता फैलाने के प्रयास किए जाने लगे। जो लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते सीबीआई और ईडी की जांच पर सवाल उठाते रहे हैं, न्यायालय के फैसलों को भी स्वीकार नहीं करते। वो लोग इस मामले में युवाओं को आगे कर सीबीआई जांच की मांग कर इस प्रकरण का राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रहे थे। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों के बीच समानता से समरसता स्थापित करने का एक संवैधानिक उपाय है। परन्तु ये देश का दुर्भाग्य रहा कि स्वतंत्रता के पश्चात कई दशकों तक देश में एक ऐसी पार्टी का शासन रहा जिसने अपने वोट बैंक के चक्कर में यूसीसी को लागू नहीं होने दिया। जबकि विश्व के प्रमुख मुस्लिम देशों सहित दुनिया के सभी सभ्य देशों में पहले से ही समान नागरिक संहिता लागू है।
हमारी सरकार ने राज्य में नया कानून लागू कर मदरसा बोर्ड को भी समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस कानून के लागू होने के पश्चात एक जुलाई 2026 के बाद उत्तराखंड में केवल वही मदरसे संचालित हो पाएंगे, जिनमें हमारे सरकारी बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा।सीएम ने स्टालों का भ्रमण कर उत्पादों की जानकारी ली।इस मौके पर कुलपति डॉक्टर मनमोहन सिंह चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष अजय मौर्य, मेयर विकास शर्मा, विधायक शिव अरोरा,त्रिलोक सिंह चीमा,पूर्व विधायक राजेश शुक्ला आदि मौजूद थे।



