पशुपालन से जानकी की हुई आर्थिकी स्थिति मजबूत
चंपावत। ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना महिलाओं की आर्थिक स्थिति बदल रही है।लोहाघाट विकासखंड के राईकोट कुंवर गांव की जानकी देवी ने संघर्ष से आत्मनिर्भरता की दिशा में नई राह बनाई है।जिला मुख्यालय चम्पावत से लगभग 20 किमी और ब्लॉक कार्यालय से पांच किमी दूर बसे इस गांव की जानकी देवी का जीवन पहले आर्थिक तंगी में गुजरता था।जानकी देवी के पास एक पहाड़ी नस्ल की गाय थी, जो मात्र एक_दो लीटर दूध देती थी। इससे घर की जरूरतें तो पूरी होती थीं, परंतु अतिरिक्त आय का कोई साधन नहीं था। जब जानकी देवी सुबार बाबा स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं, तब उनके जीवन में बदलाव की शुरुआत हुई। यह समूह विकास महिला संकुल संघ, लोहाघाट के अंतर्गत कार्यरत है।इसी बीच, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना — जो कि आईफैड (IFAD) द्वारा वित्तपोषित एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित है,क्षेत्र में लागू हुई। इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों की आय को दोगुना करना, पलायन को रोकना तथा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।समूह की बैठकों में महिलाओं को परियोजना की ‘अल्ट्रापुअर योजना’ की जानकारी दी गई। जानकी की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए समूह की महिलाओं ने सर्वसम्मति से उनका नाम इस योजना के लिए सुझाया। परियोजना टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए उनके घर का भौतिक सत्यापन किया और सभी आवश्यक दस्तावेज पूरे कराए। इसके बाद जानकी देवी के खाते में 35 हजार (पैंतीस हजार रुपये) की ब्याज-मुक्त ऋण राशि हस्तांतरित की गई।इस सहयोग से जानकी देवी ने एक उन्नत नस्ल की जर्सी गाय खरीदी। अब वे प्रतिदिन दूध बेचकर नियमित आय अर्जित कर रही हैं। इस आय से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरी है और बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे पा रही हैं।आज जानकी देवी आत्मविश्वास से भरी हैं और पशुपालन की नई तकनीकें सीखने में सक्रिय भागीदारी कर रही हैं। वे अब अपने समूह की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं कि वे आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाएं।





