हिमालयी राज्यों में जल संचय में चंपावत की अग्रणी भूमिका
चंपावत। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने आज जिला सभागार में जिला स्तरीय जल समिति की बैठक ली।इस दौरान उन्होंने संचालित विभिन्न पेयजल योजनाओं, जल जीवन मिशन तथा जल संरक्षण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।उन्होंने अधिकारियों को सभी पेयजल एवं जल संरक्षण परियोजनाओं का कार्य गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध तरीके से पूरा करने को कहा। ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
डिप्टेश्वर झील परियोजना पर विशेष रूप से चर्चा करते हुए निर्देश दिए कि अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में पब्लिक कंसल्टेशन आयोजित कर कार्य में तेज़ी लाई जाए। इस परियोजना के माध्यम से जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन और स्थानीय आजीविका को भी बढ़ावा मिलेगा।लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने बताया कि कालसन-भोलेश्वर परियोजना का कार्य एक सप्ताह में प्रारंभ कर दिया जाएगा।हिमालयी राज्यों में जल संचय एवं जनभागीदारी के क्षेत्र में चंपावत जनपद की अग्रणी भुमिका रही है। जेएसजेबी- 2.0 पोर्टल पर सर्वाधिक डेटा अपडेट करने वाला जनपद चंपावत रहा है, जो जिले में जल संरक्षण कार्यों में जनसहभागिता की उत्कृष्ट मिसाल प्रस्तुत करता है।जिलाधिकारी ने कहा कि जल संरक्षण एक सामूहिक उत्तरदायित्व है और इसे जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वर्षा जल संचयन, जल स्रोत पुनर्जीवन, चेक डैम और सोक पिट निर्माण जैसी गतिविधियों में जनसहभागिता को और अधिक प्रभावी बनाया जाए।




