चंपावत में किस शहीद की प्रतिमा का हुआ अनावरण
चंपावत।उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस पर आज लोहाघाट के ग्राम रायनगर चौड़ी में मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीद शंकर दत्त राय की स्मृति में निर्मित स्मारक एवं प्रतिमा का अनावरण विधायक लोहाघाट खुशाल सिंह अधिकारी ने किया।
ब्लॉक प्रमुख महेन्द्र ढेक एवं जिलाधिकारी मनीष कुमार ने शहीद की प्रतिमा पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें नमन किया।राजकीय महाविद्यालय लोहाघाट के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने शहीद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।नरेश राय ने शहीद की शौर्य गाथा प्रस्तुत कर लोगों को भावविभोर कर दिया।तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त शम्भावी मुरारी की वीर रस से ओत-प्रोत कविता ने वातावरण को देशभक्ति से सराबोर कर दिया।विधायक खुशाल सिंह अधिकारी ने शहीद शंकर दत्त राय को नमन करते हुए कहा कि शहीद शंकर दत्त राय का जीवन साहस, समर्पण और राष्ट्रभक्ति की अद्वितीय मिसाल है। मातृभूमि की रक्षा के लिए उनके बलिदान को सदैव स्मरण किया जाएगा।शहीद के छोटे भाई कमल राय ने भावुक स्वर में कहा कि आज भी उन्हें अपने बड़े भाई का साया हर पल अपने साथ महसूस होता है। उन्होंने भारतीय सेना, जिला प्रशासन और क्षेत्रवासियों का कठिन समय में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।जिलाधिकारी मनीष कुमार ने शहीद की माता लक्ष्मी देवी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया तथा उनकी बहनों को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि हम सबका सौभाग्य है कि हम ऐसे वीर सपूत की पावन भूमि पर खड़े हैं, जिसने राष्ट्र की रक्षा हेतु अपने प्राण न्योछावर कर दिए। शहीदों के बलिदान से ही देश की अखंडता और स्वाभिमान सुरक्षित है।15 जून 1970 को जन्मे शंकर दत्त राय ने 17 वर्ष की आयु में भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट में भर्ती होकर देश सेवा का संकल्प लिया। उन्होंने ऑपरेशन पवन के तहत श्रीलंका में तथा ऑपरेशन राइनो में असम के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में वीरता से सेवा दी।बाद में ऑपरेशन रक्षक के दौरान भारत-पाक सीमा पर तैनाती के समय, 21 जुलाई 1996 को उन्होंने घुसपैठ की कोशिश कर रहे तीन आतंकवादियों को बंकर से ढेर कर दिया। भीषण गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद वे अंत तक डटे रहे और 22 जुलाई 1996 को मातृभूमि की रक्षा करते हुए 26 वर्ष की आयु में सर्वोच्च बलिदान दिया।





